Poem # Makar sakranti #


Jai jinendra everyone....plz read my this poem nd give comments

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                मकर संक्रांति 

मकर संक्रांति का यह पर्व जीवन में खुशियां लाता है

हर नववर्ष के बाद यह त्यौहार आता है।

ठिठुरन भरे जाड़े में प्यार की गर्मी लाता है 

दिलों का यह त्यौहार सबके मन को भाता है।

कोई इसे पोंगल बोले कोई इसे लोहड़ी

कोई इसे माघी बोले कोई इसे खिचड़ी ।

अनेकों नाम लिये यह पर्व एकता का संदेश देता है 

गुड़ रेवड़ी लड्डू से जीवन में मिठास लाता है।

तिल तिल कर क्या जिंदगी जीना

 जीवन नश्वर है भाई 

पतंग की तरह शान से उठो

दान की महिमा बतलायी 

 

स्वाती जैन 

हैदराबाद

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Comments


swatisandeepjain 2 yrs

Thanks mam

 
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Anupama Jain 2 yrs

Nice

 
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हमने एक शुरुआत की जैनो केलिए और हमे इतना प्यार मिला के अब हम जैनर को बंद कर रहे हे। मई ३१ २०२३ को जैनर ऑफलाइन करदिया जायेगा तो अब सब अपना कोई डाटा / पोस्ट डिलीट करना चाहते हे तो करले अन्यथा हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं रहेगी।

आप सभी का धन्यवाद और मिलते हे फेसबुक पर सदैव की तरह अपने गुरुओ की फोटो को एडिट करके पोस्ट करने केलिए