WHEN END LOVE JIHAD


खंडवा की जैन समाज की एक बेटी की दशा को देखकर मैं व्यथित हूं मैं नहीं जानती कि इस बेटी की क्या कहानी है पर उस चीज क

.

      LOVE JIHAD

 

क्या इस को रोका जा सकता था

 

 हां आज की कहानी का यही टॉपिक है!” क्या इस को रोका जा सकता था”

आज शब्द नहीं मिल रहे मेरा मन घायल है! हमारे समाज में कोई क्या नहीं है जो उसको रोक सकेगा अंतर्मन तक घायल है मेरा मन!  बात सिर्फ इतनी सी है कि खंडवा की जैन समाज की एक बेटी की दशा को देखकर मैं व्यथित हूं मैं नहीं जानती कि इस बेटी की क्या कहानी है पर उस चीज को सोच कर मैंने एक कहानी लिखी है जो पूर्णता काल्पनिक है! सच्चाई हो भी सकती है और नहीं भी, मैं किसी सच्चाई का दावा नहीं करती पर हां ऐसा होता है! उसको भी मैं झुठला नहीं सकती !

हमारी कहानी “कविता” पर है जो एक प्यारी सी बच्ची है! अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाली संस्कारी जैन संयुक्त परिवार में रहने वाली कविता!

कविता और कविता की चाचा की बेटी काव्या दोनों हम उम्र रहे हैं! कविता और काव्या के पिता का कपड़े का कारोबार है! परिवार रोजाना देव दर्शन के बिना कोई काम नहीं करता रवि जी (कविता के पिता) अपने माता पिता के साथ अपने भाई के साथ एक ही घर में रहते हैं! रवि जी की पत्नी शीला धर्म परायण और सहनशील महिला है! सास ससुर की सेवा घर और समाज इसके बाहर उनकी जिंदगी कुछ भी नहीं है! रवि जी के दो बच्चे हैं - एक बेटा अर्पित और एक बेटी कविता, रवि जी के छोटे भाई दिनकर हैं, जिनकी पत्नी निशा काव्या और काव्य की मां भी है! वह रवि जी के पिता श्री रतनलाल जैन और माता सरला जैन है,छोटा सा परिवार है ! जहां बड़ों का आशीष बरसता है, देव शास्त्र गुरु की कृपा है, रोजाना दिन दर्शन का नियम है सबका घर में शुद्ध भोजन करते हैं, बाहर का कुछ नहीं खाते हैं, घर का शुद्ध बना हुआ खाना जिसमें स्त्रियों प्यार के साथ शुद्धता का समागम हो, उस व्यंजन का क्या कहना!

 सबसे बड़ा  अर्पित है, कविता, काव्या और काव्य यही चार भाई बहन है! पढ़ने में बहुत अव्वल अर्पित छोटे शहर से बड़े शहर पढ़ने के लिए चला जाता है, हम अपने बच्चों को सर्वोत्तम देना चाहते हैं! इसलिए अर्पित के पिता ने भी अर्पित को पढ़ने के लिए बाहर भेज दिया है! कविता और काव्य 15 साल की हो चुकी है, स्मार्टफोन  कि पढ़ाई ME जरूरत पड़ती थी इसलिए दोनों के हाथों में स्मार्टफोन हैं! काव्या ने कॉमर्स और कविता ने आर्ट्स ले लिया! दोनों अपनी पढ़ाई में मस्त रहने लगी दोनों बहने मस्ती के टाइम में अपने खूब प्यारी-प्यारी  वीडियो बनाती और सोशल मीडिया पर अपलोड करती !

जीवन चक्र अपनी गति से बढ़ने लगा !1 दिन कविता के सोशल मीडिया में एक लड़के ने मैसेज किया - बहुत सुंदर, पहली बार मैंने देखा, अब मुझे कुछ समझ नहीं आता  है!क्या मुझसे तुम दोस्ती करोगी ? कविता छोटी ही तो थी दुनिया की बुराइयों से दूर उसे क्या पता कौन किस नियत से बात कर रहा है! उसने दोस्ती कर ली लड़के ने अपना नाम अवि बताया!  दोनों में बातें होने लगी लगभग रोज 15 मिनट बातें रोज करने लगे!

 कविता: क्या खाया तुमने आज?

 अवि: पिज़्ज़ा  वेरी यम्मी|||

कविता: क्या तुम भी अBHKSHY KHATE HO आते हो कितने जीव होते हैं उसमें

अवि: (पिज़्ज़ा का PIC भेजता है) देखो पिज़्ज़ा से कैसे चीज टपक रही है! कितना टेस्टी है, तुम क्या जानो मॉडल लोग क्या खाते हैं यह! तुम जैसे पिछड़े समाज के लोग नहीं जान सकते एंजॉयमेंट किस चिड़िया का नाम है! तुम तो अपना घास फूस खाओ !बाय!

 कविता सोचने लगी क्या हम सच में BACKWORD रहे हैं?  अंग्रेजी स्कूल में पढ़ती हूं , तो मुझे मॉडल होना ही चाहिए ! सारे दोस्त भी चढ़ाते हैं - कि यह समोसा तक नहीं खाती ही ऐसी है!बड़े अंधविश्वासी है यह लोग जैन अपने आप को बड़ा अंधविश्वासी बना कर रखे हैं और वह सोचते सोचते सो जाती है!

 सुबह देवदर्शन करके स्कूल जाती है! दोस्त जब समोसा खाते हैं, तो उसको बोलते हैं  रहने दे यह क्या खाना जाने! कविता: नहीं आज मैं खाऊंगी समोसा (बिना अपने माता पिता को बोले चुपचाप से खा लेती है) रसना इंद्री की लोलुपता समोसा खाने लगी, और एक दिन पिज़्ज़ा खाते हुए का फोटो खींचकर अवि को भेजा!

अवि: कैसा लगा पिज़्ज़ा ?

कविता: सच में बहुत टेस्टी

 

 अवि:क्या तुम्हें खानी है JO  सिर्फ मॉडल और बड़े लोग खाते हैं गांव के गवार नहीं है!

कविता: क्या है ऐसी चीज है !

अवि : KFC का ऐड देखा है?

कविता: KFC यह क्या है ?

अवि:  चावल चिकन चॉप भेजते हैं अरे बहुत ही YAMMI होता है!

कविता: ना हम! नॉनवेज नहीं खाते!

अवि:  रहने दो अभी रहने दो तुम तो आलू को भी अBHKSY बोलते हो तो मैं आलू का समोसा खाया ना उसमें क्या था ? अच्छा टेस्ट था कि नहीं था?  कुरकुरा चटपटा बहुत टेस्टी है, चिकन  बड़ी टेस्टी कुरकुरी होती है !

कविता: ना बाबा मैं नहीं खाऊंगी?

अवि: सुनो ना हम पिछले 6 महीने से बात कर रहे हैं तुमने मेरा कभी पूरा नाम ही पूछा क्यों ?

कविता: अरे तूने मुझे बताया नहीं तो मैंने भी नहीं पूछा क्या फर्क पड़ता है

अवि: पूछो तो सही

कविता: अच्छा अवि अपना नाम बताओ क्या है?

अवि:  मेरा नाम अब्दुल वसीम है! जो मुझसे प्यार करते हैं वह लोग मुझे अवि बोलते हैं!

कविता: अच्छा अभी मैं सोने जा रही हूं बाय अवि

अवि: क्या MEANS U ALSO

कविता: क्या ALSO

अवि: कुछ मैं पूछ रहा हूं YOU ALSO भाई तुम्हें भी पूछ रही हूं अभी मैंने बोला ना जो लोग मुझे प्यार करते हैं वह मुझे भी बोलते हैं अवि तो क्या तुम भी मुझसे प्यार करती? अवि बोल रही हो

कविता: कुछ भी सोचते हो तुम पागल हो! बाय गुड नाइट ओके गुड नाइट

 लगभग रोज रात को 10:12 मिनट बातें होती थी 3 दिन तक अवि का मैसेज नहीं आया! कविता रोज इंतजार करती रही अवि का मैसेज नहीं आया चौथे दिन कविता ने मैसेज किया

कविता: कहां हो क्या हुआ बात क्यों नहीं कर रहे हो?

 अवि तो एक प्लान के तहत बात नहीं कर रहा था यह भी तो उसके प्लान का हिस्सा था कि बात करते-करते बातें बंद कर देना इस कविता का मैसेज आया अवि ने रिप्लाई

अवि:  मुझे लगा तुम बुरा मान गई इसलिए मैसेज नहीं किया और अपने आपको सजा भी दी मैंने!

कविता: किस चीज का बुरा मान गई?

अवि: यही YOU ALSO LOVE ME

कविता:  ऐसा नहीं है अभी I DID NOT THING SO कि मैं तुमसे प्यार करती हूं! WE ARE JUST FRIEND

अवि पिक्चर भेजता है हाथ पर खून और कटा हुआ खून ही खून दिखता है!

कविता: यह क्या है

अवि: 3 दिन पहले मैंने अपने आप को!सजा दी है! (रोने वाली इमोजी भेजते हुए) बेइंतहा मोहब्बत है आपको बुरा लगा यही सोच कर अपने आप को सजा दी! बहुत दर्द दिया था ना मैंने तुम्हें! हाथ में बहुत दर्द हो रहा था 3 दिन से मोबाइल नहीं उठा पा रहा था! अभी भी बहुत दर्द है मैं टाइप नहीं कर पा रहा हूं!

कविता:  तुम पागल हो क्या ऐसा कौन करता है!

अवि:  मैं करता हूं! सच्ची मोहब्बत तुमसे मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता! I LOVE YOU कवि तुम्हारे बिना मर जाऊंगा!  मुझे मैसेज मत करना मुझे मर जाने दो!

कविता: पागलपन छोड़ो 

अवि ऑफलाइन हो जाता है ! कविता फिक्र करती है क्या करें 17 साल की ही तो है बाल सुलभ, अचानक ही कैसा मोड़ आ गया मम्मी पापा को कुछ बोल भी नहीं पा रही है ! काव्या के पास जाती है ! काव्या को क्या तुम जानती हो प्यार क्या होता है?

 

 

 

काव्या: फालतू बकवास और कुछ नहीं होता है!क्या हुआ!

कविता: कुछ नहीं दिया है ना  क्लास में उसको प्यार हो गया बस पागल हो गई है! काव्या: क्या वैसे है कौन यह तो बता!

कविता: तुम नहीं जानती हो अभी उसने10 के बाद ज्वाइन किया है स्कूल तो नहीं जानती हो उसे!

काव्या: अच्छा ठीक है मुझे तो नींद आ रही है मैं सो रही हूं तुम अपने लगे रहो फालतू की बातों में और मोबाइल में!

 काव्या सो जाती है, नटखट काव्या को क्या पता कि कविता के मन में क्या चल रहा है! कविता का बाल सुलभ मन जिसमें YOVAN की चिंगारी फूट रही है अब हर समय अवि के बारे में सोचने लगी! कि उसने कभी कोई गलती बात तो नहीं की क्या सच में मुझसे प्यार करता है? अगर उसको कुछ हो गया तो ? अगर मेरी वजह से उसे तकलीफ हुई तो इसकी तो उत्तरदाई में ही होगी ना! मैं एक बार उसे मैसेज करके पूछती हूं कि वह ठीक है या नहीं कविता मैसेज लिखती है

कविता: अवि मुझे तुमसे मिलना है !

अवि: जब तुम कहो जहां तुम कहो मिलेंगे !

कविता: कैफे डे स्कूल के बाद 12:00 बजे

अवि: कब कल

कविता: हां

अवि: ठीक है!

कविता सोचती है  कि प्यार व्यार से मैं बहुत दूर हूं , मुझे समझ में नहीं आती है, यह सारी चीजें क्या है, मैसेज में नहीं समझा पा रही हूं! मिलकर उसे तो जरूर सारी समझा दूंगी !और सो जाती है

अवि दूसरे दिन सुबह मस्जिद में जाता है ! और मौलाना को सारी बात बताता है! और उनसे पैसे लेता है! रेस्टोरेंट में आता है, डेकोरेशन करवाता है एक केबिन का और गिफ्ट लाता है! Restrorent  नॉर्मल है लेकिन जो उसका केबिन है वह रास्ते में पूरा फूलों से भर देता है केबिन के अंदर बहुत सारे फूलों की पंखुड़ियां और बैलून के साथ में मोबाइल में म्यूजिक सब प्लान के अनुसार चल रहा था !

अभी के दोस्त भी आते हैं सब परफेक्ट है ना भाई,

अवि: भाई लगा तो दिया है बहुत रोमांटिक सा वेदर लग रहा है अब तो सारा कुछ अब तो उसको इंप्रेस हो ही जाना चाहिए मुझसे ठीक है!

 टाइम हो गया हम लोग भी निकलते हैं ठीक है चलो बाय बाय

कविता रेस्टोरेंट में आती है तो अवि के हाथ में पट्टी बंधी होती है जो वह just बंद ही है !

कविता  को देख कर वह खुश होता है, और बोलता है यह नहीं चलो केबिन में बैठते हैं ! अंदर की सजावट देखकर कविता खुश हो जाती है और भूल जाती है! कि वह क्या कहने वाली थी ,अपने लिए इतना कुछ खास होता देखकर, क्या मैं इतनी खास हूं , इसके लिए ! मुझसे थोड़ी ही बात करता है और यह मेरे को इतना खुश करने की कोशिश कर रहा है!  मैंने तो उसको यह भी नहीं कहा कि मुझसे प्यार करती ह! इतना खुश मुझे रख रहा है ,तो कर मैं इसको कहूंगी मैं से प्यार करती हो तो यह मुझे कितन…

कविता को लगा कि वह दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की है ,और उसे प्यार करने वाला भी है! यह पहली मुलाकात थी लेकिन उसके लिए सबसे यादगार मुलाकात थी !कविता तो मना करने आई थी कि मैं तुमसे प्यार नहीं करती हूं लेकिन वो कुछ बोल ही ना पाई धीरे-धीरे सारी चीजें उसके हाथों से जाती नहीं कविता  और अवि दिन में कम कम से कम 5 घंटे बात करने लगे 10:15 मिनट से शुरू हुआ था ! पर अब घंटों में बदल गया था!

 अवि एहसास दिलाता हूं ,कि कवि तो तुम मेरे लिए बहुत खास हो और तुम्हारे बिना मेरी जिंदगी में नहीं है !कविता भी उसके झांसे में आती गई! बिना बताए उससे बात करना मुझे अच्छा लगने लगा! पता नहीं कब कैसे कहां तक इस दलदल में फंसती जा रही थी ! इस साल बारहवीं की एग्जाम थी कविता के ऊपर पढ़ाई का प्रेशर बहुत आने लगा अब कविता अवि बातें kam करना स्टार्ट कर दी तो  फिर 1 दिन मैसेज आता है इस बार को एक लेटर भेजता है! 

“मैं और यह मेरे खून से लिख कर मैंने भेजा है ,तुम्हारे लिए तो पढ़ाई जरूरी है! मैं नहीं ठीक है ना?  मुझे कुछ हो भी जाए तो तुम्हें क्या फर्क पड़ेगा BYE”

कविता पूरी रात पढ़ भी नहीं पाती है और पूरा समय अवि  ही ख्यालों में  है! काव्या इन सब चीजों से दूर वह अपनी पढ़ाई में मन! अपने परिवार के साथ खुश ! लेकिन कविता कहीं ना अपने आपको खुद ही सी जा रही थी! परिवार के साथ थी लेकिन परिवार को पता ही नहीं कि वह हमसे दूर होती जा रही है! काव्या को भी कुछ पता नहीं होता है, कि कविता के मन में क्या चल रहा है! क्योंकि वह कुछ बताती नहीं है! सब समय  कविता के दिमाग अवि में रहता है! कविता अवि धीरे-धीरे उसे बात करते-करते बोलता है कि पता है अच्छा धर्म इस्लाम है! हमें हर चीज की आजादी होती है ! हम कभी भी कुछ भी कर सकते हैं! क्या तुम मुझे अपने मम्मी पापा से मिला सकते हो? या  यह कहें कि तुम्हारा भैया अगर किसी लड़की को घर में ले आए तो, क्या तुम्हारे मम्मी पापा उसको एक्सेप्ट करेंगे !नहीं करेंगे ना! लेकिन हमारे इस्लाम में तो सब को कबूल किया जाता है! अगर विश्वास नहीं तो एक काम करते हैं! मेरी मम्मी पापा से मिलो चलो! मैं तुम्हें अपने मम्मी पापा से मिलाता हूं,

कविता बोलती है मैं क्या करूंगी तुम्हारे मम्मी पापा से भी मिलकर!

 अवि अरे पूरी जिंदगी तो मैं उन्हीं के साथ में बितानी है! तो मिलना भी जरूरी है ना! चलो मैं अपनी अम्मी अब्बू से तुमको मिलाता हूं! कविता  बातों में आ जाती है, और वह उसके घर मिलने आती है!  घर में उसके अम्मी अब्बू के अलावा और कोई नहीं  है!  उसके घर को बहुत सुंदर तरीके से सजाया जाता है पूरा जब वह घर में एंटर करती है, तो पंखुड़ियों पर पैर रखकर  बढ़ती  जाता है!  मेरी जिंदगी हो और मैं तुम्हें कभी कांटों की छांव में नहीं आने दूंगा देखो मेरी अम्मी ने भी तुम्हारे आने की कितनी तैयारियां की है ! पूरे घर को  गुलाब की पंखुड़ियों से सजा दिया है! आत्मीयता देख कर उसे लग कविता को लगता है कि वह वाकई में बहुत अच्छा परिवार है! बहुत अच्छे लोग हैं! अवि मम्मी कविता को बहुत प्यार करने लगे और कविता भी उनके साथ बड़ी खुश रहने लगी ! अवि की अम्मी ने बोला जब भी तो मैं कोई भी चीज की जरूरत हो तो मुझसे कहना!

 एक बार ऐसा ही हुआ कविता को मॉल में ड्रेस पसंद आ गई लेकिन वह महंगी ड्रेस थी! तो कविता की मम्मी ने कपड़े नहीं दिलाएं वहां पर  अवि KI मम्मी कविता को 2 दिन बाद उसी जगह ले जाकर वैसी ही ड्रेसेस दिलवा!  बोली हमारी बिटिया ड्रेस नहीं पहनेंगी तो क्या हम पहनेंगे!उसे  बोले जब तुम हमारे घर आओगी ना तब देखना मैं तुम्हें तो इससे भी अच्छी अच्छी ड्रेसेस बनाऊंगी! मुझे तो बहुत शौक है कपड़े पहनाने का दिलवाने का ! तुम आओ तो जल्दी हमारे घर!

 छोटी सी कविता के मन में यह सारी चीजें घर करने लगी धीरे-धीरे वह 18 साल की हो गई पढ़ाई से मन उसका एकदम से खत्म होने लगा ! क्योंकि उसके दिमाग में हर समय अवि अवि और अवि  होता था ! कविता ना चाहते हुए भी कब किस तरीके से इस दलदल में फंस गई उसे नहीं पता पड़ा! एक कविता के भाई अर्पित को पता पड़ा कि कविता अवि से प्यार करती है! अर्पित कुछ दिनों के लिए अपने छोटे से शहर आया था! तब उसे पता पड़ा कि कविता के साथ प्यार करने लगी है !जैसे ही घर में पता पड़ा सबसे पहले तो थप्पड़ पड़ा भाई के हाथों!

 मम्मी ने दादा दादी ने सब ने बहुत सुनाया पापा ने किसी ने भी नहीं सुना! सब ने सुनाया तुमने तो हमारे खानदान की नाक ही कटा दी ! ऐसा कोई करता है क्या प्यार मोहब्बत यह सब क्या है! बेवकूफियां लगी कविता सोचने लगी कि कितना अंतर है! हम दोनों के परिवार में एक इस्लाम का धर्म है !जहां प्यार करने वालों की इज्जत होती है! एक हमारा घर है !जहां सिर्फ इतना मालूम पड़ा कि मुझे प्यार हो गया इनको तो यह भी नहीं पता किस से हुआ है ! और यह लो मुझे मारने पर कैसे लोग हैं ?  इस्लाम धर्म ज्यादा अच्छा है यह लोग तो बड़े बेकार लोग हैं! मुझे इनके साथ नहीं RHANA !

कविता के जाने के बाद समाज, दुनिया, परिवार सब ने बहुत ताने मारे परिवार को ! क्या संस्कार दिए तुमने अपनी बेटी को क्या तुमने यही सिखाया! माता को इतनी बातें सुनना पड़ी कि उसे  बेटी के पैदा करने पर शर्म आने लगी ! ऐसी ही बेटियों की वजह से बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता है! जब घर छोड़कर वह जा रही थी उसने एक बार नहीं सोचा मेरे पीछे मेरे परिवार का क्या होगा ? मेरे पीछे मेरी बहन का क्या होगा? पापा का क्या होगा ?मम्मी का क्या होगा ?बस  ऐसे बच्चों को कभी भी कोई भी चीज खुश नहीं रह सकती मां की बद्दुआ हमेशा असर लाती है और वही कविता के साथ हुआ! मां तो दुख में रोते-रोते मर गई समाज, दुनिया, परिवार  को समझाते समझाते मर गई की कि मैंने अपनी बेटी को गलत संस्कार नहीं दिए हैं ! अगर उसने कुछ गलत किया है, तो यह उसका निर्णय था ! संस्कारों की कमी नहीं और सदमे में मां का देहांत हो जाता है! मां की बद्दुआ ओं का असर तो आना ही था ---

( कविता ने अपना नाम चेंज कर लिया था इस्लाम कबूल कर लिया था अब उसका नाम करीना बानो)

AFTER LONG TIME

काव्या के पति की जहां पोस्टिंग थी वहीं पर 1 दिन बैंक में करीना बानो AAI! बैंक का मैनेजर जैन है ! करीना बानो अच्छे से बात कर रहा है तो उसने बताया कि मैं भी जैन परिवार की  हूं! तब काव्या के पति ने पूछा अगर आप जैन परिवार की बेटी है तो फिर करीना  कैसे बोले बहुत दुखी हूं भैया में पर मैं आपको कुछ बता नहीं पाऊंगी ! इस  कहा बहन मेरे घर का एड्रेस है आप जब चाहो मेरे घर आ सकती हो मेरी पत्नी को आप बता सकती हो क्योंकि आप जैन हो इस नाते आप मेरी बहन हुई और मैं आपको पूरा सपोर्ट करूंगा! रात को जब काव्या का पति घर आता है तो बताता है  एक लड़की आज मेरे बैंक में आई थी बहुत दुखी थी बेचारी कुछ कहना चाहती थी! उनसे ऐसा लग रहा था! जैसे उसके साथ बहुत मारपीट की गई है! मैंने उसे अपने घर का पता दिया है अगर वह कभी भी आए तो उसकी पूरी बात सुन लेना अगर मैं घर में नहीं हूं, तो भी उसे मेरी बहन के बराबर सम्मान देना! और पूरी बात सुना एक दिन मौका देखकर करीना बानो काव्या के घर आई  फूट-फूट कर रोने लगी काव्या को पहचानने में देना लेकिन की यह कविता ही है!

काव्या के कहने पर कविता ने शुरू,बहुत ही दर्द और तकलीफ से भरा था सफर ! काव्या ने कहा कभी तो तुम तो बहुत खुश थी तुमसे इस्लाम धर्म को कबूल भी कर चुकी थी! फिर क्या हुआ जो तुम इस कदर टूट चुकी हो !

जब शुरुआत में  तो उन्होंने मुझे बहुत अच्छे से रखा !FIR KE BAAD जब मम्मी पापा ने इस कंप्लेंट की तो उन्होंने मुझ पर दबाव बनाया कि मैं सारी चीजें इनके मुताबिक बोलो वरना यह लोग मम्मी पापा को मार डालेंगे! चुप रही और सारी चीजें उनकी हिसार अनुसार ही करती थी! उसके बाद इन्होंने मेरे ऊपर अत्याचार करना शुरू की है! मैंने कभी नॉनवेज में हाथ नहीं लगाया लेकिन उनके घर में कच्चा मांस मुझे लाकर दिया जाता था! जिसमें बहुत बदबू आती थी ! कच्चा मांस धोना उसको काटना और फिर उसको पकाना !पूरे घर में से PYAJ LEHSAN की ही  गंदी वाली गंध आती है! हम लोग जहां से आज तक नहीं PYAJ LEHSAN गंध हमसे बर्दाश्त नहीं होगी! पर जो मैंने किया उसको तो मुझे ….. गंदी बदबू में रहना होता था ! इन लोगों खाना पकाना उन को खाना खिलाना फिर बर्तन मांज ना और एक अजीब सी गंध इनके घर में हमेशा रहती थी ! जब कभी मैं अभी को मना करती कि नहीं मुझे मन नहीं कर रहा है तो वह मुझसे थप्पड़ मार कर जबरदस्ती करते थे !RAPE HONA AAM BAAT THI  शादी की इसीलिए है और एक औरत का काम होता है! अपने परिवार को खुश रखना अपने शोहर को खुश रखना ! उससे ज्यादा कुछ नहीं कल से जब बोलूंगा जो बोलूंगा वह तुम्हें करना ही होगा एक दिन गुस्से में जब मैं उसकी बात नहीं सुन रही थी! उसने मुझे तलाक तलाक तलाक कह दिया ! सुबह उठा और बोला अरे ऐसा थोड़ी ना है मैं तुम्हें तलाक नहीं देना चाहता था ! लेकिन तुम नहीं आ रही थी इसलिए मैंने बोल दिया फिर मुझे मस्जिद लिखे गए कहां पर मौलवी से पूछा गया कि मैंने तो तलाक बोल दिया है ! अब क्या है किया जाए क्योंकि मैंने बहुत प्यार करता हूं मैं नहीं छोड़ना नहीं चाहता तब मौलवी ने हलाला के बारे में बताया कि मुझे वहां पर इतने टाइम पीरियड होता है 7 दिन का मुझे वहां पर रहना अगर 21 दिन के पीरियड के बाद यह दोबारा मुझसे शादी कर सकते हैं !  मेरा और इनका निकाह हो जाएगा मैं अभी की पत्नी बन जाऊंगी! मुझे छोड़कर मस्जिद में ही अपने घर वापस चले गए!  हलाला के नाम पर मेरे पर सामूहिक बलात्कार होता था! और AVI NE एक और हिंदू लड़की से भी शादी कर ली जब मैं 2 महीने बाद मुझे लेने आए तब उन्होंने मुझे बताया कि मैं शादीशुदा हूं ! अगर तुम्हें मेरे साथ रहना है! तो मेरी पत्नी को भी एक्सेप्ट करना पड़ेगा !करती क्या ना करती मुझे एक्सेप्ट करना पड़ा इन 2 सालों में बहन मैंने जो कुछ देखा है वह मैं बयां नहीं कर सकती जैन धर्म को मैं बुरा बोलती थी आज मैं बोलती हूं महान है हमारे  गुरु का सम्मान होता है! माता-पिता की इज्जत होती है !इस्लाम में ऐसा नहीं है! लोगों ने तो बकायदा मुझे फंसा है मेरे ऊपर बलात्कार करा कर पैसे कमाए हैं हमारे परिवारों में ऐसा नहीं होता है!  मुझे सिर्फ मम्मी और अब्बू से ही मिलाया गया बाकी के 8 भाई बहन और है वह नहीं बताया गया था! जब मैं अभी के घर पहुंची तो मुझे मालूम पड़ा कि 18 लोगों का परिवार है !और सब का खाना मुझे बनाना है वह भी नॉनवेज उसके बाद शारीरिक क्रूरता का भी सामना करना पड़ता था! क्या करूं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है !

कविता तुम घर चलो मैं मम्मी पापा से बात करती हूं! तुम्हें अभी भी अपना लेंगे! काव्या के पति ने कहा बहन जिंदगी भर हम अपने साथ रखेंगे! तुम वापस मत जाओ कविता कहती है! मैं अपनी एक बच्चे को छोड़ कर आई हूं घर पर मैं उसको साथ ले आऊंगी! फिर मैं कभी नहीं जाऊंगी कह कर वह अपने घर चली जाती है! दो-तीन दिन जब वह वापस नहीं आती है तब मालूम पड़ता है कि उसको जला दिया गया है और वह हॉस्पिटलआईज है! काव्या जब मिलने जाती है तो मालूम पड़ता है बच्चे को इन लोगों ने अपने पास रखा हुआ है !और वह हॉस्पिटल में है! जिंदगी और मौत के बीच में एक जिंदगी कविता की करीना बानो हम इसको रोक पाए थे! क्या हम इसको कहीं पर भी रोक पाएंगे क्या हम अपनी बेटियों को यह नहीं पता पाएंगे कि वह लव जिहाद की शिकार हुई है! क्यों हम इतने स्ट्रांग नहीं है! क्या अपनी बच्चियों को बोल दे कि जब जरूरत हो तो वापस आओ गलती करती हो तो उस गलती को मिटा! हम तुम्हें एक्सेप्ट करेंगे! यह कब रुकेगा कौन रोकेगा तक बेटियां जलती रहेगी LOVE JIHAD

 

1201 Views

Comments